कुछ खोया सा लगता नहीं, पर पाना अभी बाकी है,
दिल लगता नहीं बिन उसके, बस दिल उससे लगाना बाकी है।
कह दूं तुम्हें? और कहकर सर-ए-आम कर दूं,
तू रख हाथ मेरी शायरी पर, मैं तुझको अपने नाम कर दूं।"
कुछ पाना अभी बाकी है | कविता
कुछ खोया सा लगता नहीं, पर पाना अभी बाकी है,
दिल लगता नहीं बिन उसके, बस दिल उससे लगाना बाकी है।
कह दूं तुम्हें? और कहकर सर-ए-आम कर दूं,
तू रख हाथ मेरी शायरी पर, मैं तुझको अपने नाम कर दूं।"
कुछ पाना अभी बाकी है | कविता
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